किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है, तड़प कर यह मुझे दर्द दे रही है। दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया, फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है।।
अपनों के बीच बेगाने हो गए हैं, प्यार के लम्हे अनजाने हो गए हैं। जहाँ पर फूल खिलते थे कभी, आज वहां पर वीरान हो गए हैं।।
सांसों की डोर छूटती जा रही है, किस्मत भी हमे दर्द देती जा रही है। मौत की तरफ हैं कदम हमारे, मोहब्बत भी हम से छूटती जा रही है।।